Wednesday, November 18, 2009

ek ehsaas hu mein ♥♥.

♥♥...अगर रख सको तो एक निशानी हूँ मैं, 
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं......
रोक पाए न जिसको ये सारी दुनिया,
वोह एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं.....
सबको प्यार देने की आदत है हमें, 
अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमे.....
कितना भी गहरा जख्म दे कोई,
उतना ही ज्यादा मुस्कराने की आदत है हमें......
इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मैं,
सवालो से खफा छोटा सा जवाब हूँ मैं.........
जो समझ न सके मुझे,
उनके लिए "कौन" जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं..........
आँख से देखोगे तो खुश पाओगे, 
दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मैं......



2 comments:

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  2. nice rythm in the poem...evrythns clear...

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